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चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के दूसरे सेमीफाइनल में न्यूज़ीलैंड और साउथ अफ्रीका का मुकाबला ऐसा था जैसे गाँव की दो बड़ी खापें आमने-सामने आ गई हों। सब सोच रहे थे कि इस बार साउथ अफ्रीका बदला लेगा, पर मैदान में कुछ और ही लूट-पाट हो गई। न्यूज़ीलैंड ने ऐसा चौके-छक्कों का मीटर डाउन किया कि अफ्रीकी टीम का सारा जोश ठंडा पड़ गया।
टॉस का झोल और कीवियों की चालाकी
मैच शुरू होने से पहले ही हवा में एक अलग ही रोमांच था। जैसे ही टॉस हुआ, अफ्रीका के कप्तान टेम्बा बवुमा ने सिक्का उछाला, पर उनकी किस्मत ऐसी फिसली कि सिक्का ही ग़लत साइड गिर गया। न्यूज़ीलैंड के कप्तान केन विलियमसन ने मौके की नब्ज़ पकड़ते हुए पहले बैटिंग का फैसला किया और ऐसा किया मानो हलवाई अपनी मिठाई खुद चखने चला गया!

रवींद्र और विलियमसन की दही-जलेबी पार्टनरशिप
न्यूज़ीलैंड की शुरुआत कुछ ऐसी रही जैसे किसी शादी में बारातियों ने बैंड बाजे के साथ एंट्री मारी हो। पहले ही ओवर से दोनों ओपनर चौके-छक्के बरसाने लगे। पर असली तड़का तब लगा जब रचिन रवींद्र और केन विलियमसन ने क्रीज़ पर कदम रखा। दोनों ने ऐसा बैटिंग किया कि गेंदबाज़ों का हाल उस छोटे बच्चे जैसा हो गया जिसे गणित का होमवर्क समझ न आए।
रवींद्र ने 108 रन ठोक डाले और विलियमसन ने भी 102 रन बनाकर अफ्रीकी गेंदबाज़ों की बैंड बजा दी। इन दोनों की पार्टनरशिप ऐसी चल रही थी जैसे चाय में पराठा डुबोकर मज़े से खाया जा रहा हो। साउथ अफ्रीका के बॉलर कभी स्पिन डाल रहे थे, कभी यॉर्कर, लेकिन न्यूज़ीलैंड के बल्लेबाज़ों ने हर गेंद का ऐसा स्वागत किया जैसे मेहमानों को लड्डू खिलाया जाता है।
362/6 – रिकॉर्ड बन गया!
पूरा 50 ओवर ख़त्म होने के बाद न्यूज़ीलैंड ने 362/6 का स्कोर बना दिया, जो चैंपियंस ट्रॉफी के इतिहास में सबसे बड़ा स्कोर था। साउथ अफ्रीका के खिलाड़ी सिर पकड़कर बैठे थे, उनके चेहरों पर वही एक्सप्रेशन था जैसे किसी घर में दही गिर जाए और कुत्ता चाट जाए।

अफ्रीकी जवाब और मिलर की ताबड़तोड़ कोशिश
साउथ अफ्रीका का जवाब देना वैसा ही था जैसे बैलगाड़ी को बुलेट ट्रेन से रेस में डाल दिया जाए। शुरुआत तो ठीक-ठाक रही, लेकिन जैसे ही विकेट गिरना शुरू हुए, टीम की हालत पतली हो गई। अफ्रीकी बल्लेबाज़ों का हाल ऐसा हो गया जैसे लाठी डांस में उल्टा लाठी खा लिया हो।
डेविड मिलर ज़रूर अकेले जंग लड़ रहे थे। उन्होंने 67 गेंदों में 100 रन ठोक दिए और एक वक्त तो ऐसा लग रहा था कि ये मैच पलट सकता है। लेकिन न्यूज़ीलैंड के गेंदबाज़ों ने आखिरकार उन्हें भी पकड़ लिया और मैच को साउथ अफ्रीका की पकड़ से बाहर कर दिया।
न्यूज़ीलैंड की गेंदबाज़ी – एकदम नानी याद दिला दी!
मिशेल सैंटनर ने कमाल कर दिया! 3 विकेट झटककर उन्होंने अफ्रीकी बल्लेबाज़ों को ऐसा फंसाया जैसे छोटे भाई को मम्मी ने घर में झाड़ू लगाने के लिए कह दिया हो। गेंदबाज़ी की रणनीति ऐसी थी कि अफ्रीका के बल्लेबाज़ों की हालत गली में खेलने वाले उस लड़के जैसी हो गई जिसे अचानक हार्ड बॉल से खेलना पड़ जाए।

आखिरी झटका और साउथ अफ्रीका का फिर से वही हाल
पूरा मैच ऐसा लग रहा था जैसे साउथ अफ्रीका फिर से वही पुरानी कहानी दोहरा रहा हो – सेमीफाइनल आते ही घुटने टेक देना। जैसे ही आखिरी विकेट गिरा, स्टेडियम में मौजूद न्यूज़ीलैंड के फैंस नाचने लगे और अफ्रीकी खिलाड़ी वही दुखी एक्सप्रेशन लिए ड्रेसिंग रूम में चले गए।
न्यूज़ीलैंड फाइनल में, अब भिड़ेगा भारत से!
इस धमाकेदार जीत के साथ न्यूज़ीलैंड अब चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पहुंच गया, जहां उनका मुकाबला भारत से होगा। अब देखना होगा कि क्या न्यूज़ीलैंड का बल्ला फाइनल में भी ऐसे ही गरजेगा या फिर भारत उन्हें मज़ा चखाएगा!
कुल मिलाकर मैच की मस्ती!
- न्यूज़ीलैंड का बैटिंग शो: ऐसा लगा जैसे लस्सी पीकर बैटिंग करने आए हों।
- साउथ अफ्रीका की बॉलिंग: ऐसा लगा जैसे लस्सी में नमक ज़्यादा पड़ गया हो।
- मिलर की बैटिंग: जैसे आखिरी वक्त पर बारात में आकर नाचना शुरू कर दिया हो।
- न्यूज़ीलैंड की जीत: जैसे गाँव में पहली बार बिजली आ गई हो!
अब देखना यह है कि फाइनल में भारत और न्यूज़ीलैंड की टक्कर कैसी होगी! तब तक के लिए, खाओ, पियो और क्रिकेट का मज़ा लो!