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एक बार की बात है, जब देश में इंजीनियरिंग के बच्चे कोडिंग और कैट प्रिपरेशन में डूबे थे, तभी अचानक एक नया बाबा अवतरित हुआ – आईआईटी बाबा! 😲
हाँ भाई, ये कोई आम बाबा नहीं थे, बल्कि आईआईटी बॉम्बे से पढ़े-लिखे अभय सिंह, जो पहले ऐरोस्पेस इंजीनियर बनने निकले थे, लेकिन अचानक से आध्यात्मिक रॉकेट पे चढ़ गए! 🚀
आईआईटी से आश्रम तक का सफर!
भाईसाहब, जब बाकी के आईआईटीयन एमएनसी में नौकरियाँ ढूंढ रहे थे, ये साहब ज्ञान के सागर में डुबकी लगाने निकल पड़े! पहले लगता था कि ये किसी स्टार्टअप का को-फाउंडर बनने वाले हैं, लेकिन इन्होंने जिंदगी का ऐसा पथ बदला कि पूरा समाज हैरान रह गया!
बाबा बनने की असली वजह? 😜
“भाई, पैरेंट्स की रोज़ की लड़ाई से परेशान होकर आध्यात्मिकता की ओर मुड़ गया!”
बचपन में मम्मी-पापा की लड़ाई ने इनको गीता, वेद और ब्रह्मज्ञान की ओर मोड़ दिया। मतलब, लड़ाई से बचने का ऐसा तरीका किसी ने नहीं सोचा था!

आश्रम में बवाल – बाबा की क्लास लग गई!
अब हुआ यूँ कि बाबा जी ने प्रयागराज के महाकुंभ मेले में अपना डेरा डाल दिया! सोचा था शांति मिलेगी, लेकिन वहाँ के संत लोग बोले:
“बाबा जी, आपकी टीआरपी हमसे ज़्यादा क्यूँ है?” 🤨📺
और फिर एक दिन 16 मढ़ी आश्रम वालों ने इनसे कह दिया:
“बाबा जी, आपको यहाँ से थोड़ा वक़्त के लिए बाहर जाना होगा!”
अब बाबा का दिमाग तो आईआईटी वाला था, इन्होंने तुरंत कैल्कुलेशन लगा दिया –
“अरे! ये सब पब्लिसिटी स्टंट है, मुझे हटाकर खुद फेमस होना चाहते हैं!”
टीवी डिबेट और बाबा का भसड़!
बाबा जी वैसे तो शांति के पुजारी थे, लेकिन न्यूज़ चैनल वालों ने इन्हें बहस के लिए बुला लिया। डिबेट के बीच बाबा जी कह रहे थे:
“संन्यास का मतलब है खुद को पहचानना, बाकी दुनिया का क्या ही भरोसा…”
तभी वहाँ कुछ भगवा कपड़े वाले लोग आए और बोले:
“अरे भाई, पहले हमारी पहचान कर लो!”
बस फिर क्या था, बाबा जी को शो के बीच में ही थोड़ा हाथा-पाई मिल गया! बाबा जी गुस्से में बाहर आकर बोले:
“अबे ये क्या हो रहा है, आध्यात्मिक बहस में हाथापाई क्यों?” 🤷♂️😂
इसके बाद बाबा जी ने पुलिस थाने के बाहर धरना दे दिया और बोले:
“हम तो शांति के पुजारी हैं, लेकिन इतना ज्ञान देने के बाद भी लोग हिंसा कर रहे हैं?!”

बाबा की सोशल मीडिया क्रांति!
अब बाबा जी को लगा कि ऑफलाइन दुनिया में तो बहुत मारामारी है, चलो ऑनलाइन शांति फैलाते हैं! फिर क्या, बाबा जी ने इंस्टाग्राम, ट्विटर, यूट्यूब सब पे खाता खोल लिया और ज्ञान की रॉकेट साइंस चालू कर दी! 🚀
- बाबा का पहला पोस्ट: “ब्रह्मज्ञान = सेल्फ अवेयरनेस + कोडिंग स्किल्स” 🧘♂️💻
- दूसरा पोस्ट: “सफलता का मंत्र: मार्कशीट नहीं, मेडिटेशन है!”
- तीसरा पोस्ट: “यदि तुम भटके हो, तो गूगल मैप नहीं, गीता पढ़ो!”
लोगों को बाबा का अलग ही टच पसंद आने लगा, ज्ञान भी और मज़ा भी! 😂🔥
जनता की राय – बाबा का ज्ञान या बवाल?
लोगों का दो गुट बन गया:
- पहला गुट: “आईआईटी बाबा असली ज्ञानी हैं, हमें इनसे सीखना चाहिए!” 🙏
- दूसरा गुट: “अबे ये बाबा नहीं, इंफ्लुएंसर हैं! रील बनाने आए हैं!” 🎥😂
कुछ भक्त बोले:
“बाबा, आपके आशीर्वाद से मेरा स्टार्टअप चल पड़ा!” 😍
तो कुछ ट्रोल बोले:
“बाबा, आपने इंजीनियरिंग छोड़ दी, हमारी मत छुड़वाना!” 😜

कहानी से शिक्षा – इंजीनियरिंग छोड़ो या नहीं?
अब भाई, ये कहानी सुनकर हर इंजीनियरिंग स्टूडेंट कन्फ्यूज हो गया! 🤯
“पढ़ाई करें या सन्यासी बन जाएं?” 🤔
लेकिन आख़िर में ज्ञान यही है:
- यदि आपके घरवाले बहुत झगड़ते हैं, तो बाबा बनने की जरूरत नहीं, नॉइज़ कैंसलिंग हेडफोन ले लो! 🎧😂
- हर आईआईटीयन को स्टार्टअप खोलने की जरूरत नहीं, कुछ बाबा भी बन सकते हैं!
- ज्ञान और कॉमेडी साथ चले तो लाइफ मजेदार हो जाती है! 😆
अब आप बताइए – 👉 क्या आपको भी कभी ऐसा लगा कि इंजीनियरिंग छोड़कर सन्यासी बन जाएं? 👉 बाबा का ज्ञान सही लगा या बवाल? 👉 कमेंट में बताइए और इस स्टोरी को शेयर करिए! 🎉
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